
एक कोना है
दुनिया की भाग दौड़ से
ज़माने के शोरगुल से
अलग, दूर कहीं मन
की उन सलवटों में
छिपा कर रखा है
जहां सिर्फ मैं पहुँचती हूँ
उस कोने को सजाया है
मैंने कुछ खास यादों से
वो खुशियों के पल
वो ऐसी ठोकर जो
कुछ बड़ा सिखा गयी थी
वो कुछ बातें जो
दिल के कागज़ से मिटती नहीं
उनसे मिलने जाती हूँ मैं
जब होती हूँ उदास
या होती है तलाश
किसी ऐसे जवाब की
जो दुनिया में नहीं मिलता
खोजने चली जाती हूँ मैं
वहीँ उसी कोने में कहीं
No comments:
Post a Comment