साँसों की लय में पुकारती हूँ
आते जाते चेहरों में तलाशती हूँ
कभी कहानियाँ बुनती हूँ
कभी सपने सजाती हूँ
हर गुज़रते पल पर तुम्हारे पैरों
के निशाँ की छाप खोजती हूँ
हर अजनबी आहट पे
धड़कन तेज़ होती है
टकटकी लगाये बैठी हूँ ,
दिल के दरवाज़े पे
होती है दस्तक तो सोचती हूँ
कि कहीं तुम तो नहीं आये?