ये वो कोना है जहां मैं अपने मन की ढेर सारी बातें लिखती हूँ. यहाँ किस्से हैं, कहानियाँ हैं, कवितायें भी हैं, कुछ आपबीती है, कुछ मन गढ़ंत भी है.
Thursday, May 9, 2013
वो शब्द....
कागज के कोरेपन को अपनी बनावट से स्याह करता वो शब्द, उस शब्द में सिमटी थीं, जाने कितनी यादें, बातें, सिसकियाँ, मुस्कुराहटें, वो रंग, वो खुशबुएँ. अतीत के उस पन्ने पर लिखा वो शब्द और कुछ नहीं, नाम था तुम्हारा.
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