Sunday, March 11, 2012

एक कविता प्यार के नाम

लैला- मजनू , शीरी- फरहाद, रोमिओ -जुलिएट  जैसी कहानियों से प्रेरित होकर ..........
old couple
सर्दी की दोपहर सा 
गुनगुना सा एहसास 
ओढ़ा जाती है 
तुमसे हुयी हर मुलाक़ात 

कितना प्यारा है ये 
रिश्ता मेरा तुम्हारा
कि बस पलकों का पर्दा 
हटाकर पढ़ लें हम 
मन में छिपे हों जो जज़्बात 

गीत तुम्हारा ,आवाज़ मेरी है
रंग तुम्हारे , कला मेरी है
सच ही तो कहते हैं सब
दो तन एक प्राण हों 
नसीबों से मिलता है ऐसा साथ 


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